बांग्लादेश में कर बोझ बढ़ा, मोबाइल, इंटरनेट, दवाइयां और कपड़े हुए महंगे
ढाका: बांग्लादेश में सरकार के हालिया फैसलों के बाद आम लोगों के लिए जीवनयापन और महंगा हो गया है। मोबाइल फोन, इंटरनेट, दवाइयां और कपड़ों जैसी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स बढ़ने से जनता पर आर्थिक दबाव और बढ़ गया है। सरकार ने इन वस्तुओं और सेवाओं पर वैट और आयात शुल्क में वृद्धि की घोषणा की है, जो पहले से ही बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण संघर्ष कर रहे नागरिकों के लिए एक और झटका है।
नए टैक्स सुधारों के तहत मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जिससे संचार और डिजिटल सेवाओं का उपयोग महंगा हो गया है। डिजिटल कनेक्टिविटी पर इस फैसले से छात्रों, छोटे व्यवसायों और फ्रीलांस काम करने वालों पर सीधा असर पड़ा है। ढाका में एक छात्रा समीरा ने कहा, "ऑनलाइन पढ़ाई और काम पहले ही चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब यह बढ़ा हुआ खर्च सहन करना और भी मुश्किल होगा।"
इसके साथ ही, दवाओं और चिकित्सा सेवाओं पर टैक्स में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य क्षेत्र को भी प्रभावित किया है। स्थानीय फार्मासिस्टों ने बताया कि कई आवश्यक दवाएं अब पहले से अधिक महंगी हो गई हैं, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य बजट पर भारी असर पड़ा है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोग पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत से जूझ रहे थे, और अब इस वृद्धि ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
कपड़ों पर बढ़ा हुआ वैट भी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है। देश में तैयार कपड़ों के उद्योग पर भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। व्यापारी और निर्माता कह रहे हैं कि उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में कपड़ों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे मांग में गिरावट आ सकती है।
सरकार का कहना है कि यह कदम राजस्व बढ़ाने और विदेशी ऋण पर निर्भरता को कम करने के लिए आवश्यक है। लेकिन जनता और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस फैसले से गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक कठिनाइयां और बढ़ेंगी। विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे जनविरोधी करार देते हुए कहा है कि सरकार को आर्थिक सुधार के लिए जनता पर बोझ डालने के बजाय अन्य विकल्प तलाशने चाहिए।
महंगाई और कर वृद्धि से उत्पन्न नाराजगी के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन सुधारों से राजस्व बढ़ाने के अपने उद्देश्य को कैसे पूरा करती है। लेकिन फिलहाल, आम लोगों की जिंदगी और कठिन होती नजर आ रही है।