नागपुर में बढ़ती हिंसा के बीच निषेधाज्ञा लागू, पुलिस ने की सख्ती
नागपुर- नागपुर में लगातार बढ़ रही हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने पूरे शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। पुलिस के अनुसार, सोमवार रात हंसापुरी इलाके में एक और झड़प होने के बाद हालात और बिगड़ गए। इस दौरान कई घरों, वाहनों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंगल ने बताया कि शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) की धारा 163 लागू कर दी गई है। यह धारा मजिस्ट्रेट को तत्काल रोकथाम के आदेश जारी करने का अधिकार देती है, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा, दंगे या सार्वजनिक शांति भंग होने से रोका जा सके।
हिंसा की शुरुआत सोमवार शाम 7:30 बजे नागपुर के महाल क्षेत्र के चिटनिस पार्क इलाके से हुई, जब एक समुदाय की धार्मिक पुस्तक जलाए जाने की अफवाह फैल गई। इस दौरान, एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया और पुलिस पर पथराव किया गया। इस झड़प में तीन पुलिसकर्मी सहित कुल नौ लोग घायल हुए।
स्थिति और अधिक गंभीर तब हो गई जब रात 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच हंसापुरी इलाके में फिर से दो गुटों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान अज्ञात भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी और इलाके में घरों व एक क्लिनिक को भी निशाना बनाया।
पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है और शहर में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। नागपुर, जो अब तक एक शांतिपूर्ण शहर माना जाता रहा है, वहां इस हिंसा के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी उपद्रवी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा और शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे