शतरंज टूर्नामेंट में कंट्रबार्सी के बाद उज्बेक ग्रैंडमास्टर ने भारतीय खिलाड़ी से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी
हाल ही में टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के दौरान उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। इस घटना के कुछ दिनों बाद, 30 जनवरी को, याकुबोएव ने व्यक्तिगत रूप से वैशाली से माफी मांगते हुए उन्हें फूल और चॉकलेट भेंट किए। माफी के इस अवसर पर वैशाली की मां और उनके भाई, आर. प्रज्ञानानंदा, भी उपस्थित थे।
यह घटना चौथे दौर के मुकाबले के दौरान हुई थी, जब वैशाली ने खेल की शुरुआत में याकुबोएव की ओर हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज करते हुए सीधे अपनी गोटियों को समायोजित करना शुरू कर दिया। इस घटना का वीडियो ChessBase India द्वारा साझा किया गया, जो तेजी से वायरल हो गया।
विवाद बढ़ने पर, याकुबोएव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था, बल्कि धार्मिक कारणों से वह अन्य महिलाओं के साथ शारीरिक संपर्क से बचते हैं। उन्होंने लिखा, "मैं सभी महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं। मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूता।"
याकुबोएव ने आगे कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर रोमानिया की खिलाड़ी इरीना बुलमागा से पहले ही चर्चा की थी, और वह उनकी स्थिति को समझ गई थीं। हालांकि, वैशाली और दिव्या के साथ हुए मैचों में वह पहले से यह जानकारी नहीं दे सके, जिसके कारण यह असहज स्थिति उत्पन्न हुई।
इस घटना के बाद, याकुबोएव ने वैशाली से व्यक्तिगत रूप से मिलकर माफी मांगी और उन्हें फूल और चॉकलेट देकर अपनी खेद व्यक्त की। वैशाली ने इस माफी को स्वीकार किया, जिससे दोनों खिलाड़ियों के बीच आपसी सम्मान और समझ बढ़ी है। यह घटना शतरंज जगत में खेल भावना और सांस्कृतिक विविधताओं के प्रति सम्मान के महत्व को रेखांकित करती है। याकुबोएव की माफी और वैशाली की उसे स्वीकार करने की भावना ने खेल में आपसी सम्मान की मिसाल पेश की है।