अमेरिका पर शेख हसीना सरकार के पतन का आरोप: आईआरआई की रिपोर्ट से बढ़ी बहस
बांग्लादेश- बांग्लादेश की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा विवाद उभरा है, जिसमें अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दावा किया है कि अमेरिका ने उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता न सौंपने के कारण अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने का प्रयास किया।
शेख हसीना के इस दावे के बाद, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति के लिए अमेरिका जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की आंतरिक राजनीति में बाहरी हस्तक्षेप के आरोप निराधार हैं।
हाल ही में, इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट (आईआरआई) की एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है, जिसे उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग को प्रस्तुत किया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को गिराने के लिए एक गुप्त ऑपरेशन चलाया था। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में शुरू हुए इस ऑपरेशन में अमेरिकी एजेंसियों ने जनता को भड़काया और विद्रोही गुटों को हथियार सप्लाई किए। अंततः 5 अगस्त 2024 को हसीना को पद छोड़ना पड़ा।
इन आरोपों के जवाब में, अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट रूप से इनकार किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव, करीन जीन पियरे ने कहा, "हमारा इसमें कोई हाथ नहीं है। अमेरिका के इसमें शामिल होने की कोई भी रिपोर्ट अफवाह है और पूरी तरह से गलत है। यह बांग्लादेशी लोगों का चुनाव है। हमारा मानना है कि बांग्लादेशी लोगों को ही बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। यही हमारा रुख है।"
इस विवाद ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। जहां एक ओर शेख हसीना और उनके समर्थक अमेरिका पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी सरकार और कुछ विश्लेषक इन आरोपों को निराधार बता रहे हैं। इस मुद्दे पर आगे की जांच और विश्लेषण की आवश्यकता है ताकि सच्चाई सामने आ सके।