भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय: मोदी-ट्रंप की वार्ता से व्यापार और रक्षा सहयोग को मिली नई दिशा
वाशिंगटन डीसी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की। व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक से कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के व्यापारिक माहौल की आलोचना की थी और अमेरिकी आयातों पर शुल्क लगाने वाले देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की योजना का खुलासा किया था।
वार्ता के बाद आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि भारत अमेरिकी रक्षा उपकरणों, विशेष रूप से लड़ाकू विमानों, की खरीद बढ़ाने की योजना बना रहा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत अमेरिका को अपना प्रमुख तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बना सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक अमेरिका के साथ व्यापार को दोगुना करना है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी बैठक को "उत्कृष्ट" बताया और इसे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक बढ़ावा करार दिया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ एक निष्पक्ष व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की इच्छा व्यक्त की, जिसका उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना है। उन्होंने कहा, "हम भारत के साथ एक निष्पक्ष व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा।"
रक्षा क्षेत्र में, दोनों नेताओं ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी के साथ भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हम भारत के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नए दस वर्षीय रक्षा सहयोग योजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें एफ-35 लड़ाकू विमानों की संभावित बिक्री भी शामिल है।"
ऊर्जा सहयोग के संदर्भ में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "हम भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं और उम्मीद करते हैं कि अमेरिका भारत का प्रमुख तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बनेगा।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारा लक्ष्य 2030 तक अमेरिका के साथ अपने व्यापार को दोगुना करना है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।"
दोनों नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें पश्चिम एशिया और यूक्रेन की स्थिति शामिल थी, और वैश्विक शांति, समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस बैठक ने भारत-अमेरिका संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की है, जिसमें व्यापार, रक्षा और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। दोनों देशों के नेताओं ने निकट भविष्य में फिर से मिलने की इच्छा व्यक्त की है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।