पति से विवाद के बाद मां ने तीन बच्चों की हत्या कर कुएं में फेंका, गिरफ्तार
बिहार- बिहार के समस्तीपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां ने अपने तीन बच्चों की हत्या कर उनके शवों को कुएं में फेंक दिया। पुलिस के अनुसार, 36 वर्षीय सीमा देवी का अपने पति चंदन महत्ता से विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने यह घातक कदम उठाया।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, सीमा देवी ने पहले अपने बच्चों की पिटाई की और फिर उन्हें कुएं में फेंक दिया। इसके बाद, उसने अपने पति को बताया कि बच्चे लापता हैं, जिससे चिंतित होकर चंदन महत्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और सीमा देवी से सख्ती से पूछताछ की, जिसमें उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
पड़ोसियों के अनुसार, सीमा और चंदन के बीच अक्सर घरेलू विवाद होते रहते थे। घटना वाले दिन भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद यह त्रासदी घटित हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमा मानसिक तनाव में थी और उसे परिवार से पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा था।
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। स्थानीय समाजसेवी राधा देवी ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है। हमें अपने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समर्थन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।" पुलिस ने सीमा देवी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर से घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवारों में संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की अनदेखी के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। समाज को इन मुद्दों पर संवेदनशील होकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ संवाद बनाए रखें और किसी भी मानसिक तनाव की स्थिति में विशेषज्ञों की सहायता लें।
यह घटना एक चेतावनी है कि पारिवारिक विवाद और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करना कितना घातक हो सकता है। समाज के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे अपने आसपास के लोगों की भावनात्मक स्थिति पर ध्यान दें और समय रहते सहायता प्रदान करें।