मध्यप्रदेश के खंडवा में कुएं में दम घुटने से आठ लोगों की मौत, गंगौर उत्सव की खुशी मातम में बदली
खंडवा: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के कोंडावत गांव में गंगौर उत्सव की तैयारी के दौरान एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। कुएं की सफाई के दौरान दम घुटने से आठ लोगों की मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब एक व्यक्ति कुएं में गिर गया और उसे बचाने के लिए अन्य लोग एक-एक कर कुएं में उतरते गए, लेकिन कोई भी वापस नहीं लौट पाया।
गंगौर पर्व के चलते गांव में हर्षोल्लास का माहौल था। गांववाले पारंपरिक रूप से गंगौर की मूर्तियों के विसर्जन के लिए कुएं की सफाई कर रहे थे। इसी क्रम में एक व्यक्ति सफाई करते वक्त अचानक फिसलकर कुएं में गिर गया। उसे बचाने के लिए बारी-बारी से सात अन्य लोग भी कुएं में उतर गए। लेकिन भीतर जहरीली गैस और कीचड़ के कारण सभी का दम घुट गया और वे वहीं बेहोश होकर गिर पड़े।
जब तक प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आठों शव कीचड़ और पानी में पड़े मिले। यह दृश्य इतना भयावह था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
कोंडावत गांव, जो कुछ घंटों पहले तक गंगौर के रंग में रंगा हुआ था, अब मातम की चादर में लिपट गया है। गांव के लोगों का कहना है कि जिन आठ लोगों की जान गई, वे सभी उत्सव के लिए कुएं की सफाई कर रहे थे ताकि विसर्जन की प्रक्रिया सही ढंग से हो सके। किसी को यह अंदेशा नहीं था कि पर्व की तैयारी में जानलेवा हादसा हो जाएगा।
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जिला कलेक्टर और एसपी ने भी घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
सरकारी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कुएं में जहरीली गैस कैसे बनी और क्या सुरक्षा उपायों में कोई चूक हुई थी।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि सार्वजनिक जलस्रोतों की सफाई जैसे जोखिम भरे कार्यों के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए जाते। गांव में अब सिर्फ गम और सन्नाटा पसरा हुआ है, और हर कोई उन आठ लोगों को याद कर रहा है जो धार्मिक कर्तव्य निभाते हुए काल के गाल में समा गए।
गंगौर की पूजा, जो आमतौर पर सुख-समृद्धि और पारिवारिक मंगलकामना के लिए की जाती है, इस बार कोंडावत गांव के लिए एक अनकही पीड़ा बनकर रह गई।