रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और बदलते युद्ध के खतरों पर जताई चिंता
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को "गैर-राज्य तत्वों" (non-state actors) के उभार और उनके द्वारा आतंकवाद का सहारा लेने को "चिंता का विषय" बताया। उन्होंने यह टिप्पणी 77वें सेना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में की।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में युद्ध और संघर्ष अधिक हिंसक और अप्रत्याशित होते जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में युद्ध के बदलते स्वरूप को ध्यान में रखते हुए भारत की सशस्त्र सेनाओं को अत्याधुनिक बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "हम एक गतिशील भू-राजनीतिक विश्व व्यवस्था और युद्ध के बदलते स्वरूप के बीच खड़े हैं। सरकार हमारी सशस्त्र सेनाओं को एक आधुनिक युद्ध मशीन में बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि "गैर-राज्य तत्वों" द्वारा आतंकवाद को हथियार के रूप में उपयोग करना न केवल भारत बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस मुद्दे पर एकजुट होकर कदम उठाने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारतीय सेना की भूमिका और योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना ने हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने के लिए तत्पर है।
उन्होंने यह भी कहा कि सेना को आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी से लैस किया जा रहा है ताकि वे भविष्य के खतरों का सामना प्रभावी तरीके से कर सकें। सरकार स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी तेजी से काम कर रही है।
राजनाथ सिंह के बयान ने बदलते वैश्विक परिदृश्य और उभरते सुरक्षा खतरों की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए देशवासियों को सेना के प्रति गर्व और समर्थन व्यक्त करने का आह्वान किया।