मणिपुर के चुराचांदपुर में फैला रेबीज का कहर, न्यू जोवेंग गांव कंटेनमेंट जोन घोषित
इंफाल — मणिपुर के चुराचांदपुर जिले से रेबीज के कई मामलों की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए न्यू जोवेंग गांव को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर दिया गया है और क्षेत्र में कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताह से जिले में रेबीज के मामलों की पुष्टि होनी शुरू हुई है। अकेले इस साल जनवरी से अब तक 749 लोगों को कुत्तों ने काटा है और इनमें से कम से कम 3 लोगों की मौत रेबीज के कारण हो चुकी है। यह स्थिति क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
न्यू जोवेंग गांव में कई पुष्ट और संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए इस इलाके को सील कर दिया है। क्षेत्र में संक्रमित कुत्तों और अन्य जानवरों को नियंत्रित करने के लिए विशेष टीकाकरण और निगरानी अभियान भी शुरू किया गया है।
चुराचांदपुर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे बिना वैक्सीनेशन के किसी भी जानवर के संपर्क में न आएं और यदि किसी को कुत्ते या किसी जंगली जानवर ने काटा है तो वह तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने एंटी-रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और जन जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं।
गांव में आवाजाही पर नियंत्रण लगाया गया है और बाहर से आने-जाने वालों की निगरानी की जा रही है। पशुपालन विभाग भी सक्रिय हो गया है और क्षेत्र में घूमने वाले कुत्तों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रेबीज एक जानलेवा वायरस जनित बीमारी है जो आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने से होती है। समय पर उपचार न होने पर इसकी मृत्यु दर लगभग 100 प्रतिशत होती है। यही कारण है कि इस संक्रमण को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अत्यधिक सतर्क हो गया है।
चुराचांदपुर प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि संक्रमण को रोका जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।