दिवाली बोनस को लेकर नाराज पुणे के ड्राइवर ने लगाई मिनीबस में आग, चार की मौत
पुणे- पुणे में एक भयावह घटना सामने आई है, जिसमें एक 56 वर्षीय ड्राइवर ने अपनी नाराजगी के चलते स्टाफ मिनीबस में आग लगा दी, जिससे चार लोगों की जलकर मौत हो गई। यह घटना बुधवार तड़के हुई, जिसे पहले एक दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन गुरुवार को पुलिस जांच में सामने आया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ड्राइवर जनार्दन नीलकंठ हम्बर्डीकर, जो 2006 से व्योमा ग्राफिक्स नामक प्रिंटिंग कंपनी में काम कर रहा था, ने कबूल किया कि उसने खुद बस में आग लगाई थी। वह इस बात से नाराज था कि उसका वेतन और दिवाली बोनस अन्य कर्मचारियों की तुलना में कम था। इसके अलावा, उसे अपने सहकर्मियों के रवैये से भी गहरी नाराजगी थी, जो उसे बार-बार अतिरिक्त काम करने के लिए कहते थे।
डीसीपी विशाल गायकवाड़ ने पत्रकारों को बताया कि हम्बर्डीकर इस बात से भी गुस्से में था कि उसके साथी कर्मचारी उसे समय पर नाश्ता नहीं करने देते थे। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह मधुमेह (डायबिटीज) का मरीज है और उसे सुबह 9 बजे नाश्ता करना जरूरी होता है, लेकिन फिर भी उसे देर से खाने के लिए मजबूर किया जाता था। इन सभी कारणों से वह लंबे समय से गुस्सा दबाए बैठा था, जो इस भयावह वारदात के रूप में सामने आया। इस घटना में चार लोगों की जलकर मौत हो गई, जबकि 10 अन्य कर्मचारी झुलस गए। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पहले से इस वारदात की योजना बनाई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उसने कर्मचारियों को सबक सिखाने के इरादे से बस में आग लगाई। घटना के तुरंत बाद वह मौके से फरार होने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जांच में मिले सुरागों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
यह घटना कार्यस्थल पर मानसिक तनाव और असंतोष की भयावह परिणति को दर्शाती है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इस घटना से कंपनी के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।