ढाका में शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर प्रदर्शनकारियों का हमला, आगजनी
ढाका- बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धनमंडी क्षेत्र में बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास, जिसे बाद में संग्रहालय में परिवर्तित किया गया था, पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब उनकी बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना एक ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं।
चश्मदीदों के अनुसार, सोशल मीडिया पर "बुलडोजर जुलूस" के आह्वान के बाद, शाम से ही हजारों लोग धनमंडी 32 नंबर रोड स्थित इस ऐतिहासिक घर के सामने एकत्रित होने लगे। रात 9 बजे (बांग्लादेश मानक समय) पर शेख हसीना का संबोधन निर्धारित था, जो अवामी लीग के अब भंग हो चुके छात्र संगठन छात्र लीग द्वारा आयोजित किया गया था। अपने संबोधन में, हसीना ने देशवासियों से वर्तमान अंतरिम सरकार के खिलाफ प्रतिरोध करने का आह्वान किया।
प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास, जिसे बांगबंधु भवन के नाम से भी जाना जाता है, में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस हमले में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, फर्नीचर और अन्य वस्तुएं या तो चोरी हो गईं या नष्ट हो गईं। यह घर बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक माना जाता है और 1975 में शेख मुजीब और उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या इसी स्थान पर की गई थी।
शेख हसीना ने अपने संबोधन में अंतरिम सरकार पर असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने का आरोप लगाया और कहा कि इतिहास इस तरह की घटनाओं का बदला लेगा। उन्होंने अपने समर्थकों से आग्रह किया कि वे वर्तमान शासन के खिलाफ संगठित हों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएं।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले एक आंदोलन के बाद शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। तब से, देश में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है, और विभिन्न समूहों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
इस घटना ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला दिया है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में स्थिति कैसे विकसित होती है। देश के इतिहास में इस तरह के हमले दुर्लभ हैं, और यह घटना बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।