माघी पूर्णिमा स्नान: प्रयागराज में विशेष यातायात प्रतिबंध लागू
प्रयागराज- महाकुंभ के माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के अवसर पर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम आवागमन सुनिश्चित करने के लिए विशेष यातायात प्रतिबंध लागू किए हैं। यह व्यवस्था 11 फरवरी 2025 की सुबह 4 बजे से प्रभावी हो गई है और 12 फरवरी को स्नान समाप्ति तक जारी रहेगी।
प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 11 फरवरी की सुबह 4 बजे से मेला क्षेत्र को 'नो व्हीकल जोन' घोषित किया गया है। इस अवधि में केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। बाहरी शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं के निजी और सार्वजनिक वाहनों को निर्धारित मार्गों की पार्किंग में पार्क कराया जाएगा, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था बनी रहे और श्रद्धालु पैदल ही स्नान घाटों तक पहुंच सकें।
इसके अतिरिक्त, 11 फरवरी की शाम 5 बजे से पूरे प्रयागराज शहर को भी 'नो व्हीकल जोन' घोषित किया गया है। इस प्रतिबंध से केवल आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को छूट दी गई है। यह विशेष यातायात योजना 12 फरवरी को स्नान समाप्ति और श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी तक लागू रहेगी। महाकुंभ में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं के वाहनों पर भी ये नियम लागू होंगे। प्रशासन ने सभी कल्पवासियों से अनुरोध किया है कि वे इन नियमों का पालन करें और अधिकृत पार्किंग स्थलों का उपयोग करें। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इन यातायात नियमों का पालन करें और सहयोग दें, ताकि महाकुंभ का यह महत्वपूर्ण स्नान पर्व सुगमता से संपन्न हो सके।
कल मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं के सुचारू रूप से बाहर निकलने तक यातायात व्यवस्था लागू रहेगी। आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को प्रतिबंधों से छूट दी गई है। यह प्रतिबंध कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू होंगे, जो एक निश्चित अवधि के लिए संगम तट पर रहते हैं।
सोमवार रात को पुलिस और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। श्री आदित्यनाथ ने एक सुव्यवस्थित यातायात और भीड़ प्रबंधन योजना बनाने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को 5 लाख से अधिक वाहनों की उपलब्ध पार्किंग क्षमता का पूरा उपयोग करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा, "सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें नहीं लगने दी जानी चाहिए। यातायात जाम को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।"