महाकुंभ में पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं का संगम स्नान: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना
प्रयागराज- प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के अवसर पर, पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक समूह गुरुवार को संगम नगरी पहुंचा। इन श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम में डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, इन भक्तों ने संगम तट पर विधिपूर्वक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए।
महाकुंभ, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, इस बार विशेष ज्योतिषीय संयोगों के कारण और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस विश्वास के साथ, पाकिस्तान से आए इन हिंदू श्रद्धालुओं ने भी पवित्र स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं अन्य धार्मिक क्रियाएं कीं।
महाकुंभ के दौरान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी कई श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जूनापीठ के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरी के अनुसार, इन देशों के हिंदू भक्तों के वीजा की प्रक्रिया चल रही है, और वे मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान से पहले प्रयागराज पहुंचने की संभावना है।
महाकुंभ 2025 के पहले दिन, पौष पूर्णिमा के अवसर पर, लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, "महाकुंभ 2025 प्रयागराज में प्रारंभ हो रहा है, जो असंख्य लोगों को आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में एकत्रित करता है।"
पाकिस्तान से आए इन हिंदू श्रद्धालुओं की उपस्थिति महाकुंभ के वैश्विक आकर्षण और धार्मिक समरसता का प्रतीक है। इनकी आस्था और भक्ति ने महाकुंभ के आध्यात्मिक माहौल को और भी समृद्ध किया है, जो विश्वभर के श्रद्धालुओं को एक साथ लाने में सहायक है।