प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर संविधान के प्रति आस्था का आरोप
दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर संविधान के प्रति आस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी केवल दिखावा करती है। उन्होंने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता ने विपक्षी नेताओं को जेल में डाला और संविधान का उल्लंघन किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "कांग्रेस के लिए संविधान का शब्द उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इसने आपातकाल के दौरान नेताओं को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर रखा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने संविधान में 75 बार संशोधन किया, लेकिन यह संशोधन देश की एकता, अखंडता और उज्जवल भविष्य के लिए नहीं, बल्कि सत्ता की भूख और वोट बैंक की राजनीति के लिए किए गए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने संविधान की भावना को लहूलुहान किया और सत्ता के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला, जो संविधान की भावना के खिलाफ है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने संविधान की अवमानना की है और समय-समय पर संविधान का शिकार किया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 35ए को संसद में लाए बिना देश पर थोप दिया गया, जो संसद के अधिकार का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने संविधान की भावना का उल्लंघन किया और सत्ता की भूख के लिए संविधान को कमजोर किया। उन्होंने कहा, "हमने भी संविधान में संशोधन किए हैं, लेकिन गरीबों, दबे-कुचलों और महिलाओं के लिए, संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी कांग्रेस की आलोचना करने और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करने के लिए थी। उन्होंने कांग्रेस की नीतियों और कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने संविधान की भावना का उल्लंघन किया और सत्ता की भूख के लिए संविधान को कमजोर किया।