कांगो में रहस्यमयी बीमारी का कहर: 406 प्रभावित, 53 की मौत
कांगो- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के क्वांगो प्रांत के पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अज्ञात बीमारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, जिससे अब तक 406 लोग प्रभावित हो चुके हैं और 53 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 9 दिसंबर 2024 को यह जानकारी दी।
इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। गंभीर मामलों में, मरीजों में गंभीर कुपोषण भी देखा गया है। मृतकों में से 71% पीड़ित 15 वर्ष से कम आयु के हैं, और अधिकांश मामले पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाए गए हैं।
कांगो के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 नवंबर को डब्ल्यूएचओ को पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में अज्ञात कारणों से हो रही मौतों में वृद्धि के बारे में चेतावनी दी थी। इसके बाद, डब्ल्यूएचओ ने प्रभावित क्षेत्र में विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं, जो प्रकोप के कारणों की जांच कर रही हैं और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूने एकत्र कर रही हैं। हालांकि, क्षेत्र की ग्रामीण और सुदूर स्थिति, साथ ही बारिश और बाढ़ के कारण वहां पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
डब्ल्यूएचओ ने संभावित कारणों के रूप में निमोनिया, इन्फ्लूएंजा, कोविड-19, खसरा और मलेरिया पर संदेह जताया है, जबकि कुपोषण भी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। सटीक कारणों का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण जारी हैं, और यह भी संभावना है कि एक से अधिक बीमारियों का संयोजन मौतों का कारण बन रहा हो।
इस प्रकोप के मद्देनजर, डब्ल्यूएचओ ने त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं ताकि प्रकोप के कारणों की पहचान की जा सके और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा है कि सटीक कारण जानने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण चल रहे हैं, और टीमें यह भी जांच कर रही हैं कि यह संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है।
कांगो में स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के संयुक्त प्रयासों से इस प्रकोप पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण यह कार्य कठिन बना हुआ है।
इस रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप ने न केवल कांगो बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य संगठनों की टीमें लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। आगे की जांच और परीक्षणों के माध्यम से उम्मीद है कि जल्द ही इस बीमारी के सटीक कारणों का पता चल सकेगा, जिससे प्रभावी उपचार और रोकथाम के उपाय लागू किए जा सकें।