महाकुंभ 2025 का शुभारंभ: पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान
प्रयागराज- प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा के इस प्रथम स्नान के साथ ही महाकुंभ के धार्मिक अनुष्ठानों की औपचारिक शुरुआत हो गई है।
महाकुंभ, जो विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं। पौष पूर्णिमा के इस अवसर पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने पवित्र स्नान कर अपने पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक लाभ की कामना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं देते हुए सभी श्रद्धालुओं, संतों, महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा, "आइए, महाकुंभ 2025 में सहभागी बनकर सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें। मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो।"
महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्नान पर्व और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मकर संक्रांति (14 जनवरी) का स्नान पर्व पहला अमृत स्नान होगा, जबकि मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को दूसरा अमृत स्नान होगा। इन अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है।
प्रशासन ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता, यातायात प्रबंधन और चिकित्सा सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। सुरक्षा के मद्देनजर हजारों पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थायी शिविर, भोजनालय और चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
महाकुंभ के इस पावन अवसर पर संगम तट पर आध्यात्मिक उल्लास और धार्मिक आस्था का अद्वितीय नजारा देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ जीवन का अद्वितीय अनुभव बन रहा है, जहां वे सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनकर आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना कर रहे हैं।
महाकुंभ 2025 अगले 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं, ताकि सभी आगंतुकों को सुगम और सुरक्षित अनुभव प्राप्त हो सके।
महाकुंभ के इस महापर्व में सहभागिता करने वाले सभी श्रद्धालुओं को उम्मीद है कि मां गंगा की कृपा से उनका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण होगा, और वे अपने पापों से मुक्ति पाकर आध्यात्मिक उत्थान की ओर अग्रसर होंगे।
महाकुंभ 2025 के इस शुभारंभ के साथ ही प्रयागराज एक बार फिर से आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बन गया है, जहां आस्था का सागर उमड़ रहा है और श्रद्धालु धर्म और संस्कृति के इस महापर्व में डुबकी लगा रहे हैं।