लोकसभा में विवादित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित, विपक्ष ने किया कड़ा विरोध
गुरुवार तड़के लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पारित कर दिया गया, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। इस विधेयक पर 12 घंटे से अधिक समय तक तीखी बहस हुई, जिसमें सत्ता पक्ष ने इसे अल्पसंख्यकों के हित में बताया, जबकि विपक्ष ने इसे "मुस्लिम विरोधी" करार दिया।
विपक्ष द्वारा लाए गए सभी संशोधनों को ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया और विधेयक को मतदान के माध्यम से पारित किया गया, जिसमें 288 मत पक्ष में और 232 मत विपक्ष में पड़े। इस बिल के प्रमुख प्रावधानों में वक्फ ट्रिब्यूनलों को मजबूत बनाना, चयन प्रक्रिया को अधिक संरचित करना और विवाद समाधान की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए निश्चित कार्यकाल निर्धारित करना शामिल है।
इसके अलावा, वक्फ संस्थानों द्वारा वक्फ बोर्ड को दिए जाने वाले अनिवार्य अंशदान को 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, जिन वक्फ संस्थानों की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक होगी, उन्हें राज्य सरकार द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा।
इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इसे वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने की साजिश करार दिया। वहीं, सरकार ने इसे पारदर्शिता लाने और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम बताया। बिल पारित होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसे अल्पसंख्यक विरोधी बताया। इस विधेयक के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है, जिससे सरकार के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण हो सकती है।