कर्नाटक के मंत्री पर हनी ट्रैप की कोशिश, जांच के आदेश
बेंगलुरु: कर्नाटक के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतीश जारकीहोली ने खुलासा किया है कि राज्य के एक मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो सका। इस मामले को लेकर राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
मंत्री सतीश जारकीहोली ने पत्रकारों को बताया कि एक मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने के दो प्रयास किए गए थे, लेकिन वे असफल रहे। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कर्नाटक में इस तरह की घटना हुई हो। उनके अनुसार, पिछले 20 वर्षों से इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं और इसमें किसी एक पार्टी को दोषी ठहराना उचित नहीं होगा। उन्होंने इस पर जोर दिया कि कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस जैसी सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां इस तरह के मामलों की शिकार हो चुकी हैं।
इस मामले को लेकर राज्य विधानसभा में भी चर्चा हुई, जहां पूर्व भाजपा मंत्री वी सुनील कुमार ने इस मुद्दे को उठाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री जारकीहोली ने कहा कि राजनीति में इस तरह के हथकंडों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह के मामलों का दुरुपयोग करते हैं, जिसे अब रोकने की जरूरत है।
जारकीहोली ने सभी दलों से इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसके खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए। इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसके पीछे कौन लोग थे और उनका मकसद क्या था।
गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी भरोसा दिलाया कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के षड्यंत्रों को रोकने के लिए सरकार सतर्क है और किसी को भी इस तरह की साजिशें रचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस घटना ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। राजनीतिक गलियारों में इस पर लगातार चर्चा हो रही है, और विभिन्न दलों के नेताओं ने इस मामले पर अपनी राय रखी है। जहां कुछ नेताओं ने इसे गंभीर सुरक्षा चूक करार दिया, वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम बताया।
राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। अब सबकी निगाहें इस जांच पर टिकी हैं कि क्या कोई बड़ी साजिश सामने आएगी या फिर यह सिर्फ एक असफल प्रयास ही रह जाएगा।