'जुलाई क्रांति' के घायलों का मोहम्मद यूनुस के आवास के सामने प्रदर्शन
बांग्लादेश- बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 'जुलाई क्रांति' के दौरान घायल हुए प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के आवास के सामने देर रात तक विरोध प्रदर्शन किया। इन छात्रों का आरोप है कि शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद, सरकार ने उनकी उपेक्षा की है, जबकि वे लंबे समय से अस्पताल में भर्ती हैं। स्थानीय समयानुसार रात लगभग 2 बजे, प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के आधिकारिक निवास के बाहर से अवरोध हटाए। यह विरोध हसनत अब्दुल्ला, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेता, के आश्वासन पर आयोजित किया गया था।
'जुलाई क्रांति' के दौरान, छात्रों ने शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता से हटना पड़ा। हालांकि, इन प्रदर्शनों में शामिल कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए और अब उनका कहना है कि वर्तमान सरकार उनकी देखभाल नहीं कर रही है। उनका आरोप है कि अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद, उनकी चिकित्सा और आर्थिक आवश्यकताओं की अनदेखी की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद यूनुस के आवास के सामने एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। उनकी प्रमुख मांगों में उचित चिकित्सा देखभाल, आर्थिक सहायता और उनके बलिदानों की मान्यता शामिल है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाला, लेकिन अब उन्हें भुला दिया गया है।
रात के लगभग 2 बजे, हसनत अब्दुल्ला के आश्वासन के बाद, प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के आवास के बाहर से अवरोध हटाए। हसनत अब्दुल्ला ने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध समाप्त किया और वहां से चले गए।
'जुलाई क्रांति' के बाद से, बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर रही है। छात्र आंदोलन ने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, लेकिन इसके साथ ही कई छात्रों को अपने जीवन और स्वास्थ्य की कीमत चुकानी पड़ी। अब, वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी समस्याओं को समझेगी और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
इस घटना ने एक बार फिर से बांग्लादेश में राजनीतिक आंदोलनों के दौरान मानवाधिकारों और घायल प्रदर्शनकारियों की देखभाल के मुद्दे को उजागर किया है। सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह इन मुद्दों पर ध्यान दे और सुनिश्चित करे कि ऐसे आंदोलनों में शामिल लोगों की उचित देखभाल हो।