अवैध अप्रवासियों की वापसी पर भारत का बड़ा कदम: प्रधानमंत्री मोदी ने जताई प्रतिबद्धता
वाशिंगटन- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे सभी भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उनकी भारतीय नागरिकता की पुष्टि हो जाए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में 104 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित कर अमृतसर लाया गया है।
अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई के बीच, प्रधानमंत्री मोदी का यह आश्वासन दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अवैध अप्रवास को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिसके तहत कई देशों के अवैध निवासियों को उनके मूल देश वापस भेजा जा रहा है।
हाल ही में, अमेरिका से निर्वासित 104 भारतीय नागरिकों को लेकर एक सैन्य विमान अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इन निर्वासितों में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल थे। ये सभी अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश के दौरान पकड़े गए थे। अधिकतर निर्वासित गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं, जबकि कुछ उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र से भी हैं।
निर्वासितों ने बताया कि उन्हें अमेरिका में हिरासत के दौरान कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। जसपाल सिंह, जो पंजाब के रहने वाले हैं, ने बताया कि उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर रखा गया, जैसे वे कोई खतरनाक अपराधी हों। उन्होंने कहा, "हमें लगा कि हमें किसी और हिरासत केंद्र में भेजा जा रहा है। हमें हथकड़ी और बेड़ियां पहनाई गई थीं, जैसे हम कोई खतरनाक अपराधी हों।"
पंजाब पुलिस ने एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी है और निर्वासितों की सहायता के लिए विशेष काउंटर स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। राज्य पुलिस केंद्र सरकार के साथ मिलकर इन निर्वासितों के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह घोषणा भारत की जिम्मेदारी और अपने नागरिकों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में विश्वास और सहयोग को और मजबूत करेगा, साथ ही अवैध अप्रवास के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच