रूस-यूक्रेन युद्ध में 12 भारतीयों की मौत, 16 का पता नहीं: विदेश मंत्रालय
शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान रूसी सेना में सेवा दे रहे कम से कम 12 भारतीयों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, करीब 18 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सशस्त्र बलों में सेवा कर रहे हैं, जिनमें से 16 का कोई पता नहीं चल पाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस संवेदनशील जानकारी को साझा करते हुए कहा कि यह आंकड़े उन भारतीय नागरिकों से संबंधित हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से रूस की सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था। यह भी स्पष्ट किया गया कि ये नागरिक अपनी मर्जी से रूस की सेना में भर्ती हुए थे और इसमें भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
16 लापता भारतीयों को लेकर मंत्रालय ने कहा कि उनकी सुरक्षा और स्थिति का पता लगाने के लिए भारतीय दूतावास रूस के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। हालांकि, युद्ध के माहौल और परिस्थितियों को देखते हुए उनकी खोज चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारतीय नागरिकों की भागीदारी ने कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की सेना में भारतीयों की उपस्थिति को समझने और इसे रोकने के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध क्षेत्र में किसी भी भारतीय नागरिक को जाने से बचना चाहिए और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इस खुलासे ने भारतीय समाज में चर्चा का विषय बना दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि कैसे भारतीय नागरिक एक विदेशी सेना में सेवा करने के लिए प्रेरित हुए और इस पर नजर रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के मानवीय प्रभावों और वैश्विक राजनीतिक जटिलताओं को उजागर किया है। भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय से उम्मीद की जा रही है कि वे लापता नागरिकों को खोजने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।