भारतीय विदेश सेवा अधिकारी निधि तिवारी बनीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई निजी सचिव
भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई निजी सचिव नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण नियुक्ति को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा मंजूरी दी गई है और इसकी आधिकारिक घोषणा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने सोमवार को की। वर्तमान में तिवारी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में उप सचिव के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन अब वह नई भूमिका में प्रधानमंत्री के प्रशासनिक और आधिकारिक कार्यों को संभालेंगी।
निधि तिवारी की यह नियुक्ति वेतन मैट्रिक्स के लेवल 12 पर की गई है और यह पद उनके वर्तमान पद या आगे के आदेशों तक सह-निर्भर रहेगा। 29 मार्च को जारी आदेश के अनुसार, तिवारी अब अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों से स्थानांतरित होकर प्रधानमंत्री कार्यालय में निजी सचिव का पदभार संभालेंगी। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के अंत तक या सरकार के अगले निर्देशों तक जारी रहेगी।
भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी के रूप में निधि तिवारी का अनुभव और कार्यक्षमता उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उपयुक्त बनाते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में उनकी सेवाओं को पहले ही काफी सराहा गया है। उनके नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल के कारण उन्हें यह नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रधानमंत्री के निजी सचिव का पद न केवल महत्वपूर्ण होता है, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी अत्यधिक जिम्मेदारी भरा होता है। इस भूमिका में अधिकारी को प्रधानमंत्री के कार्यालय से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कार्यों की देखरेख करनी होती है, जिसमें सरकारी नीतियों का कार्यान्वयन, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ समन्वय, और प्रधानमंत्री के कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करना शामिल होता है।
निधि तिवारी का इस पद पर चयन यह दर्शाता है कि सरकार उन्हें एक कुशल और भरोसेमंद अधिकारी के रूप में देखती है। भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी के रूप में उनकी विशेषज्ञता अंतरराष्ट्रीय मामलों और कूटनीति में भी उपयोगी साबित हो सकती है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए फायदेमंद होगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में उनकी इस नई भूमिका को लेकर प्रशासनिक हलकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि निधि तिवारी की नियुक्ति से प्रधानमंत्री के कार्यालय में कार्यों की गति और समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। सरकार की ओर से जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनकी नियुक्ति तब तक जारी रहेगी जब तक वर्तमान प्रशासन का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता या नए आदेश जारी नहीं किए जाते।
निधि तिवारी की इस नियुक्ति के साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि सरकार प्रशासनिक पदों पर अधिक कुशल और अनुभवी अधिकारियों को प्राथमिकता दे रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रशासनिक दक्षता और नीति-निर्माण में पारदर्शिता और प्रभावशीलता को और अधिक मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।
अब सभी की नजर इस पर होगी कि निधि तिवारी अपनी नई जिम्मेदारी को कैसे निभाती हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय के कार्यों में किस तरह योगदान देती हैं। उनकी नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा और विदेश सेवा के अधिकारियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है कि योग्य और मेहनती अधिकारियों को सरकार की शीर्ष प्रशासनिक भूमिकाओं में अवसर मिल सकते हैं।