सभी नागरिकों के लिए 'सर्वजन पेंशन योजना' की तैयारी में सरकार: सामाजिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
भारत सरकार एक नई 'सर्वजन पेंशन योजना' (यूनिवर्सल पेंशन स्कीम) की योजना बना रही है, जो सभी नागरिकों को स्वैच्छिक और अंशदायी आधार पर पेंशन लाभ प्रदान करेगी। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक रोजगार से परे सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करना और समाज के व्यापक वर्ग के लिए एक संरचित पेंशन प्रणाली स्थापित करना है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय इस प्रस्तावित योजना पर काम कर रहा है, जो मौजूदा पेंशन योजनाओं को एकीकृत करके एक एकल ढांचे के तहत लाने का प्रयास करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह योजना सभी के लिए खुली होगी, क्योंकि इसे रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा। इसका अर्थ है कि स्व-नियोजित व्यक्तियों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित कोई भी व्यक्ति इसमें योगदान करके अपने पेंशन लाभ का निर्माण कर सकेगा।
इस योजना के तहत, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिक, जो 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, स्वैच्छिक आधार पर इसमें शामिल हो सकते हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) और राष्ट्रीय पेंशन योजना फॉर ट्रेडर्स एंड सेल्फ-एम्प्लॉयड (NPS-Traders) जैसी योजनाओं को इस नए ढांचे में समाहित किया जा सकता है, ताकि प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और कवरेज को बढ़ाया जा सके।
PM-SYM और NPS-Traders जैसी मौजूदा योजनाएं 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3,000 की मासिक पेंशन प्रदान करती हैं, जिसमें योगदान राशि नामांकन के समय आयु के आधार पर ₹55 से ₹200 तक होती है, और सरकार द्वारा समान योगदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, अटल पेंशन योजना, जो वर्तमान में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा प्रशासित है, को भी इस नई योजना में शामिल किया जा सकता है। निर्माण और अन्य निर्माण श्रमिकों (BoCW) अधिनियम के तहत एकत्रित सेस का उपयोग करके निर्माण उद्योग के श्रमिकों के लिए पेंशन प्रदान करने का प्रस्ताव भी है।
केंद्र सरकार राज्यों को भी प्रोत्साहित कर सकती है कि वे अपनी पेंशन योजनाओं को इस एकीकृत ढांचे में शामिल करें, ताकि सरकारी योगदान समान रूप से वितरित हो, पेंशन की राशि में वृद्धि हो, और लाभार्थियों की दोहरीकरण से बचा जा सके। भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 2036 तक 227 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो देश की कुल जनसंख्या का 15% होगा, और 2050 तक यह संख्या 347 मिलियन (20%) तक बढ़ सकती है।
वर्तमान में, भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली मुख्यतः भविष्य निधि प्रणाली, वृद्धावस्था पेंशन, और केंद्र द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों, विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य बीमा पर निर्भर है। इस नई 'सर्वजन पेंशन योजना' का उद्देश्य सभी नागरिकों को एक सुरक्षित और संरचित पेंशन प्रणाली प्रदान करना है, जिससे वे अपने भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।