गोवा के पूर्व विधायक लवू ममलेदार की बेलगावी में विवाद के बाद मृत्यु
बेलगावी: गोवा के पूर्व विधायक लवू सुर्याजी ममलेदार, जिन्होंने 2012 से 2017 तक पोंडा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, का शनिवार दोपहर कर्नाटक के बेलगावी में एक ऑटोरिक्शा चालक के साथ शारीरिक विवाद के बाद निधन हो गया। पुलिस के अनुसार, 69 वर्षीय ममलेदार बेलगावी की यात्रा पर थे और खड़े बाजार स्थित एक होटल में सुइट बुक किया था। जब उनकी कार एक संकरी मोड़ से गुजर रही थी, तो वह कथित तौर पर एक ऑटोरिक्शा से टकरा गई, जिससे ममलेदार और ऑटो चालक के बीच बहस हो गई।
ममलेदार का जन्म 20 सितंबर 1956 को वास्को-दा-गामा, पुर्तगाली गोवा में हुआ था। उन्होंने 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के टिकट पर पोंडा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। हालांकि, 2017 के चुनाव में वे कांग्रेस पार्टी के रवि नाइक से हार गए। दिसंबर 2021 तक, ममलेदार तीन महीने के लिए अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सदस्य थे, जिसके बाद जनवरी 2022 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) में शामिल होने का निर्णय लिया।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, ममलेदार की कार और ऑटोरिक्शा के बीच मामूली टक्कर के बाद दोनों के बीच बहस शुरू हुई, जो जल्द ही शारीरिक संघर्ष में बदल गई। संघर्ष के तुरंत बाद, ममलेदार बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृत्यु का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में संकेत मिलता है कि तनाव और संघर्ष के कारण उन्हें घातक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
लवू ममलेदार अपने राजनीतिक करियर के दौरान अपने स्पष्टवादी दृष्टिकोण और विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते थे। एमजीपी के सदस्य के रूप में, उन्होंने गोवा में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग लिया। बाद में, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस में शामिल होकर, उन्होंने राज्य की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उनकी अचानक मृत्यु ने गोवा और कर्नाटक दोनों राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर पैदा कर दी है। कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है। पुलिस ने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और ऑटोरिक्शा चालक से पूछताछ की जा रही है। साथ ही, घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी समीक्षा की जा रही है ताकि घटना के सटीक क्रम का पता लगाया जा सके।
लवू ममलेदार की मृत्यु ने सड़क पर बढ़ते तनाव और आक्रामकता के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क पर धैर्य और संयम बरतना आवश्यक है, ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है।
ममलेदार के परिवार ने इस कठिन समय में गोपनीयता की मांग की है और उनके अंतिम संस्कार की जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। उनकी मृत्यु ने राज्य की राजनीति में एक खालीपन छोड़ दिया है, और उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा।