प्रयागराज महाकुंभ में फिर लगी आग: सुरक्षा पर उठे सवाल
प्रयागराज- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है। रविवार को सेक्टर 8 में स्थित एक खाली 'निजी शिविर' में आग भड़क उठी, जो 19 जनवरी के बाद से पांचवीं ऐसी घटना है। इससे दो दिन पहले ही सेक्टर 19 के एक 'आश्रम' में आग लगने से सात तंबू जलकर खाक हो गए थे।
ताज़ा घटना में, आग लगने के तुरंत बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। सौभाग्य से, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। हालांकि, लगातार हो रही इन घटनाओं ने मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
पिछली घटनाओं में, 19 जनवरी को सेक्टर 19 में गीता प्रेस के टेंट में आग लगी थी, जिसमें करीब 10 तंबू प्रभावित हुए थे। इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके बावजूद, आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, महंत नरेंद्र गिरी ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "लगातार हो रही आग की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। प्रशासन को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा उपायों की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।"
प्रयागराज के डीआईजी, वैभव कृष्ण ने बताया, "सेक्टर 8 में लगी आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या गैस सिलेंडर के फटने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।"
इन घटनाओं के मद्देनजर, मेला प्रशासन ने सभी शिविर संचालकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने शिविरों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही, गैस सिलेंडरों के सुरक्षित उपयोग और बिजली के तारों की नियमित जांच पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने भी इन घटनाओं पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि प्रशासन को सुरक्षा उपायों को और सख्त करना चाहिए ताकि श्रद्धालु बिना किसी भय के अपने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें।
महाकुंभ मेला, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित हो रहा है, में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे में, सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसलिए, प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से सभी आवश्यक कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अभी तक की जांच में, आग लगने के पीछे किसी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया गया है। प्रशासन ने इस संबंध में एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो इन घटनाओं के पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि महाकुंभ मेले का आयोजन बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संपन्न हो।