शेख हसीना का वादा: 'मैं लौटूंगी और हत्याओं का न्याय करूंगी'
बांग्लादेश- बांग्लादेश की निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में एक वर्चुअल संदेश में देशवासियों को संबोधित करते हुए जुलाई आंदोलन के दौरान मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवारों से बातचीत की। उन्होंने इन परिवारों को सहायता का आश्वासन देते हुए कहा, "इंशा अल्लाह, मैं लौटूंगी, और एक दिन सभी हत्याओं का न्याय करूंगी।"
यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। 5 अगस्त 2024 को हुए जनविद्रोह के बाद, शेख हसीना अपने परिवार सहित भारत चली गईं। इस विद्रोह के दौरान कई पुलिसकर्मियों की हत्या हुई, जिसके लिए वर्तमान सरकार ने शेख हसीना और उनके सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया है। 17 अक्टूबर 2024 को, बांग्लादेश की एक अदालत ने शेख हसीना सहित 46 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिन पर जनसंहार के आरोप हैं।
बांग्लादेश के विदेश सचिव, मोहम्मद जसीम उद्दीन ने 9 दिसंबर 2024 को भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्रा के साथ बैठक के बाद बताया कि शेख हसीना को देश वापस लाने के लिए भारत के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, "जब समय आएगा और सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी, तो मंत्रालय भारत को सूचित करेगा।"
इस बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता, शाहिदुल इस्लाम बाबुल ने दावा किया कि "5 अगस्त को बांग्लादेश में जनविद्रोह के बाद, फासीवादी शेख हसीना अपने परिवार सहित भारत भाग गई हैं।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शेख हसीना अब भारत से बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।
शेख हसीना के वर्चुअल संदेश ने उनके समर्थकों के बीच उम्मीद जगाई है, जबकि उनके विरोधियों ने इसे राजनीतिक चाल करार दिया है। देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शेख हसीना की वापसी और न्याय की उनकी प्रतिज्ञा बांग्लादेश की राजनीति और समाज पर क्या प्रभाव डालती है।