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Shreya Poddar / 24 December, 2024

डोनाल्ड ट्रंप ने कोलकाता में जन्मे डॉ. जय भट्टाचार्य को NIH प्रमुख नियुक्त करने का किया चयन

वाशिंगटन डीसी- नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलकाता में जन्मे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) का प्रमुख नियुक्त करने का निर्णय लिया है। यह नियुक्ति स्वास्थ्य नीति में सुधार के उनके एजेंडे को दर्शाती है। अगर सीनेट उनकी नियुक्ति की पुष्टि करती है, तो भट्टाचार्य NIH के वार्षिक $47 बिलियन के बजट और अमेरिका में जैव चिकित्सा अनुसंधान की दिशा तय करने वाले संस्थान का नेतृत्व करेंगे।


डॉ. जय भट्टाचार्य का जन्म कोलकाता, भारत में हुआ था। उन्होंने स्वास्थ्य अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत भट्टाचार्य कोविड-19 महामारी के दौरान चर्चा में आए, जब उन्होंने ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन का सह-लेखन किया। इस घोषणा पत्र में लॉकडाउन के बजाय "केंद्रित सुरक्षा" की नीति की वकालत की गई थी, जिसमें कमजोर समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बाकी समाज को खुला रखने की सलाह दी गई थी।


भट्टाचार्य ने NIH में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका मानना है कि संस्थान के वित्त पोषण को नवाचार और नई खोजों पर केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लंबे समय से काम कर रहे अधिकारियों के प्रभाव को कम करने और अधिक प्रभावी स्वास्थ्य शोध में निवेश करने की बात कही है। उनका दृष्टिकोण ट्रंप प्रशासन की "सरल और परिणाम-केंद्रित" नीति के अनुरूप है


डॉ. भट्टाचार्य की नियुक्ति पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उनके समर्थक उनकी वैज्ञानिक दृष्टि और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। दूसरी ओर, उनके आलोचक कोविड-19 के दौरान उनके विवादास्पद विचारों को लेकर चिंतित हैं। आलोचकों का मानना है कि उनके कुछ सुझाव NIH के कामकाज को राजनीतिक रंग दे सकते हैं।


यह नियुक्ति ट्रंप द्वारा स्वास्थ्य नीति में बड़े बदलावों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके पहले उन्होंने रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर को स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) का प्रमुख नियुक्त किया था। भट्टाचार्य और केनेडी की जोड़ी अमेरिका की स्वास्थ्य नीति और शोध प्राथमिकताओं को नए सिरे से आकार दे सकती है।


डॉ. भट्टाचार्य की नियुक्ति की पुष्टि के लिए अमेरिकी सीनेट की मंजूरी आवश्यक है। यदि वे पुष्टि प्राप्त करते हैं, तो उन्हें महामारी के बाद की चुनौतियों का समाधान करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में नवाचार लाने की बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। यह कदम न केवल NIH की कार्यशैली में बदलाव ला सकता है बल्कि अमेरिका की स्वास्थ्य प्रणाली में दीर्घकालिक प्रभाव भी डाल सकता है।