महा कुम्भ मेले में डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की मदद से 20,000 से अधिक लोग परिवार से मिले
प्रयागराज: महा कुम्भ मेला 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने 20,000 से अधिक बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मौनी अमावस्या के प्रमुख स्नान पर्व के दौरान, इन केंद्रों ने 8,725 श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से पुनर्मिलन कराया।
डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में अत्याधुनिक एआई-आधारित चेहरे की पहचान तकनीक, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन तकनीकों की मदद से, मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को तेजी से पहचानकर उनके परिवारों से मिलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर 2024 को इन केंद्रों का शुभारंभ किया था, जिसके बाद से यह पहल सफलतापूर्वक जारी है।
मेला क्षेत्र में कुल 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो संगम, झूसी, अरैल, फाफामऊ के सेक्टर 3, 4, 5, 8, 9, 21, 23, 24 और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं। इन केंद्रों में उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी है। यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी इस पहल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अब तक पुनर्मिलन कराए गए लोगों में से 64% से अधिक महिलाएं हैं। इसके अलावा, 23 विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं का भी सफलतापूर्वक उनके परिवारों से पुनर्मिलन कराया गया है। नेपाल से आए 11 लोगों के मामले भी दर्ज किए गए, जिनका शीघ्र ही उनके परिवारों से मिलन कराया गया।
मौनी अमावस्या के दौरान, भारी भीड़ के बावजूद, डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने साढ़े सात हजार से अधिक गुम हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने में सफलता प्राप्त की। इस उपलब्धि के पीछे तकनीक और मानवीय प्रयासों का समन्वय है, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली है।
डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना से पहले, मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में काफी समय लगता था। हालांकि, अब इन केंद्रों की मदद से यह प्रक्रिया तेजी से और प्रभावी ढंग से संपन्न हो रही है। सरकार की इस पहल की व्यापक सराहना हो रही है, जिससे मेला क्षेत्र में सुरक्षा और सुव्यवस्था बनी हुई है।
मेला प्राधिकरण ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मेला क्षेत्र में सतर्क रहें और अपने परिवार के सदस्यों का ध्यान रखें। यदि कोई व्यक्ति बिछड़ जाता है, तो तुरंत निकटतम डिजिटल खोया-पाया केंद्र से संपर्क करें, ताकि शीघ्रता से पुनर्मिलन कराया जा सके। इस पहल ने न केवल तकनीकी नवाचार का उदाहरण प्रस्तुत किया है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी प्रकट किया है, जिससे महा कुम्भ मेला 2025 एक सफल और यादगार आयोजन बन सका है।