तिरुपति लड्डू घी मिलावट मामला: सीबीआई ने चार व्यक्तियों को किया गिरफ्तार
तिरुपति लड्डू प्रसादम में उपयोग किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोपों के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में रोड़की स्थित भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक पोमिल जैन और बिपिन जैन, पुनमबक्कम स्थित वैष्णवी डेयरी के सीईओ अपूर्व विनय कांत चावड़ा, और डुंडीगल स्थित एआर डेयरी के प्रबंध निदेशक राजू राजशेखरन शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के लिए लड्डू बनाने में उपयोग किए जाने वाले घी की आपूर्ति में मिलावट के आरोपों की जांच में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले की गहन जांच के बाद इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया। जांच के दौरान, यह पाया गया कि तमिलनाडु स्थित एआर डेयरी फूड्स द्वारा आपूर्ति किए गए घी में पशु वसा की मिलावट की गई थी। इस पुष्टि के बाद, टीटीडी ने उक्त डेयरी को काली सूची में डाल दिया और उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2024 में एक स्वतंत्र विशेष जांच टीम का गठन किया था, जिसमें सीबीआई और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस टीम को सीबीआई निदेशक की निगरानी में जांच करने का निर्देश दिया गया था।
तिरुपति लड्डू में मिलावट के आरोपों ने दुनियाभर में लाखों भक्तों की भावनाओं को आहत किया है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी इस मामले में चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की एक प्रयोगशाला रिपोर्ट में घी में पशु वसा की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। उन्होंने पूर्ववर्ती ट्रस्ट बोर्ड और वाईएसआरसीपी सरकार पर मंदिर के मामलों में कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।
सीबीआई की एसआईटी अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है, जिसमें गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ और संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा शामिल है। भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, जांच एजेंसी इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस घटना ने धार्मिक स्थलों में उपयोग होने वाले प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है। भक्तों की आस्था और विश्वास को बनाए रखने के लिए, संबंधित अधिकारियों द्वारा सख्त निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण उपायों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।