दक्षिण दिल्ली में भाजपा की अप्रत्याशित बढ़त: आप को बड़ा झटका
दिल्ली- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के शुरुआती रुझानों में दक्षिण दिल्ली से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। दक्षिण दिल्ली की 15 विधानसभा सीटों में से भाजपा 11 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) मात्र 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इन 15 सीटों में दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की 10 विधानसभा सीटें शामिल हैं, साथ ही नई दिल्ली, ग्रेटर कैलाश, मालवीय नगर, आरके पुरम और कस्तूरबा नगर सीटें भी शामिल हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने इन 15 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की थी, जो पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता थी। हालांकि, इस बार के चुनाव में दक्षिण दिल्ली में भाजपा की अप्रत्याशित बढ़त ने आप के लिए चिंता बढ़ा दी है। सुबह 10 बजे तक, कुल 70 सीटों में से भाजपा 44 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि आप 25 सीटों पर पीछे थी।
दक्षिण दिल्ली में भाजपा की इस बढ़त के पीछे कई कारक हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने इस क्षेत्र में अपने संगठन को मजबूत किया है और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अलावा, आप सरकार के खिलाफ एंटी-इंकम्बेंसी फैक्टर भी भाजपा के पक्ष में गया है।
दक्षिण दिल्ली की सीटों में मालवीय नगर, ग्रेटर कैलाश, आरके पुरम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद, और बदरपुर शामिल हैं। इनमें से कई सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की बढ़त ने पार्टी के लिए उत्साह बढ़ाया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा की इस बढ़त का मुख्य कारण पार्टी की जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ और आप सरकार के खिलाफ बढ़ती नाराजगी हो सकती है। इसके अलावा, भाजपा ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है, जिससे मतदाताओं का समर्थन मिला है।
दक्षिण दिल्ली में आप की इस गिरावट ने पार्टी के लिए आत्ममंथन का अवसर प्रदान किया है। पार्टी को अब यह समझना होगा कि पिछले चुनावों में मिली सफलता को इस बार क्यों नहीं दोहरा पाई और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
हालांकि, यह केवल शुरुआती रुझान हैं और अंतिम परिणाम आने तक स्थिति में बदलाव संभव है। लेकिन वर्तमान रुझान भाजपा के लिए उत्साहजनक हैं और आप के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
दिल्ली की राजनीति में यह बदलाव महत्वपूर्ण है और आने वाले दिनों में इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। दक्षिण दिल्ली में भाजपा की इस बढ़त ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया है, जबकि आप को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है।
अंततः, यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम परिणाम क्या होते हैं और दिल्ली की राजनीति की दिशा किस ओर जाती है। फिलहाल, दक्षिण दिल्ली में भाजपा की अप्रत्याशित बढ़त ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।