दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस्तीफा दिया चुनावी हार के बाद बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा दिल्ली में हुए हालिया चुनावों में AAP को मिली बड़ी हार के एक दिन बाद आया है। हालांकि, आतिशी ने कालकाजी सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश बिधूड़ी को 3,521 वोटों के अंतर से हराया, लेकिन समग्र रूप से BJP ने दिल्ली चुनावों में भारी जीत दर्ज की।
आतिशी ने 21 सितंबर 2024 को अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह दिल्ली की आठवीं और शीला दीक्षित तथा सुषमा स्वराज के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली।
मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद, आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करते हुए उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली रखी थी। उन्होंने कहा था, "यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की है, और मुझे पूरा विश्वास है कि फरवरी में होने वाले चुनावों में दिल्ली की जनता उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनेगी। तब तक, यह कुर्सी उनके लौटने की प्रतीक्षा में इस कार्यालय में रहेगी।"
हालांकि, BJP ने आतिशी के इस कदम की आलोचना की थी। दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन और मुख्यमंत्री पद का अपमान बताया था। उन्होंने कहा था, "मुख्यमंत्री के डेस्क पर दो कुर्सियाँ रखना संविधान, नियमों और मुख्यमंत्री के कार्यालय का अपमान है। यह आदर्शवाद का कार्य नहीं, बल्कि स्पष्ट चापलूसी है।"
आतिशी के इस्तीफे के बाद, दिल्ली की राजनीतिक स्थिति में नए बदलाव की संभावना है। AAP के लिए यह समय आत्ममंथन का है, जबकि BJP अपनी जीत के बाद आगामी रणनीतियों पर विचार कर रही है। दिल्ली की जनता अब यह देखेगी कि आने वाले दिनों में राजधानी की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।