हिंडनबर्ग रिसर्च ने बंद किया अपना संचालन, संस्थापक ने की आधिकारिक घोषणा
न्यूयॉर्क: शॉर्ट-सेलिंग गतिविधियों के लिए मशहूर अमेरिकी निवेश शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने संचालन को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया है। इसकी घोषणा कंपनी के संस्थापक नैट एंडरसन ने 15 जनवरी को की।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने विवादित रिपोर्टों और उच्च-प्रोफाइल मामलों के कारण वैश्विक स्तर पर ख्याति अर्जित की थी। विशेष रूप से, भारत में यह कंपनी उस समय सुर्खियों में आई जब इसके एक रिपोर्ट ने अरबपति व्यवसायी गौतम अडानी और उनके व्यावसायिक साम्राज्य को बड़े पैमाने पर झटका दिया। इस रिपोर्ट के कारण अडानी समूह को अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा और उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।
संस्थापक नैट एंडरसन ने कंपनी के बंद होने की वजहों पर ज्यादा प्रकाश नहीं डाला, लेकिन उन्होंने अपने बयान में कहा कि “हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने उद्देश्य को पूरा कर लिया है। हमने अपनी रिपोर्टों के माध्यम से कई बार वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया है और एक पारदर्शी वित्तीय प्रणाली के लिए योगदान दिया है।”
भारत में अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने देश और दुनिया में काफी विवाद खड़ा किया था। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद अडानी समूह के बाजार मूल्यांकन में भारी गिरावट आई और भारतीय निवेशकों में व्यापक चिंता फैल गई।
हिंडनबर्ग रिसर्च की अन्य रिपोर्टों ने भी दुनिया भर में कई बड़ी कंपनियों और व्यक्तियों को मुश्किल में डाला। कंपनी का मॉडल मुख्य रूप से संभावित वित्तीय धोखाधड़ी और अनियमितताओं को उजागर करने पर आधारित था, जिससे उसे शॉर्ट-सेलिंग के जरिए मुनाफा कमाने का मौका मिलता था।
कंपनी के बंद होने की खबर ने वित्तीय दुनिया में मिश्रित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ लोग इसे एक युग के अंत के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे उन कंपनियों के लिए राहत के रूप में देख रहे हैं जो हिंडनबर्ग के निशाने पर थीं।