अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा जाने की अटकलों पर आप का स्पष्टीकरण: 'कोई योजना नहीं'
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को उन अटकलों को खारिज किया, जिनमें पार्टी के संस्थापक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राज्यसभा में प्रवेश की बात कही जा रही थी। पार्टी ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल की राज्यसभा जाने की कोई योजना नहीं है, और इस संबंध में चल रही सभी चर्चाएं निराधार हैं।
हाल ही में, आप द्वारा अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद, केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि संजीव अरोड़ा के विधानसभा में जाने के बाद, उनकी खाली हुई राज्यसभा सीट से केजरीवाल उच्च सदन में प्रवेश कर सकते हैं।
इन अटकलों के बीच, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "100 फीसदी ऐसा होगा। पहले केजरीवाल गुरप्रीत की सीट के जरिए आना चाहते थे, लेकिन उन्हें लगा कि पंजाब में इस पर बड़ी प्रतिक्रिया होगी और पंजाबी किसी बाहरी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे में उन्होंने कदम वापस लिए। अरोड़ा साहब वाली जानकारी में बहुत हद तक सच्चाई हो सकती है।"
हालांकि, आप के वरिष्ठ नेताओं ने इन दावों को खारिज किया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा, "पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है। विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है।" पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नील गर्ग ने भी इन खबरों को निराधार बताते हुए कहा, "अब तक पार्टी के लेवल पर इस तरह की कोई चर्चा ना तो हुई है और ना ही उनके पास ऐसी कोई जानकारी है।"
गौरतलब है कि 8 फरवरी को घोषित दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, और खुद अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद से ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही थीं।
इन अटकलों के बीच, आप ने संजीव अरोड़ा को लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। यह सीट विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के 10 जनवरी को निधन के बाद खाली हुई थी। पार्टी के इस कदम के बाद, केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की चर्चाएं शुरू हुई थीं, जिन्हें अब पार्टी ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। पार्टी के इस स्पष्टीकरण के बाद, उम्मीद है कि केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की अटकलों पर विराम लगेगा और पार्टी अपने आगामी चुनावी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेगी।