जल्लीकट्टू आयोजन में बड़ा हादसा: 7 की मौत, 400 से अधिक घायल
तमिलनाडु- गुरुवार को तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में आयोजित जल्लीकट्टू और इससे जुड़े बैल पकड़ने के कार्यक्रमों में एक बड़ा हादसा हो गया। इन आयोजनों के दौरान सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें से छह दर्शक थे। इसके अलावा 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
यह पारंपरिक खेल तमिलनाडु में पोंगल त्योहार के दौरान आयोजित किया जाता है और इसे साहस और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस साल कई जगहों पर सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते हादसे हुए। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बैलों को नियंत्रित करने के दौरान कई प्रतिभागी घायल हुए, जबकि कुछ दर्शक बैलों की चपेट में आ गए।
मृतकों में से एक बैल का प्रशिक्षक भी शामिल है, जबकि अन्य छह लोग खेल देखने आए दर्शक थे। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन ने संबंधित इलाकों में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है।
तमिलनाडु सरकार ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का वादा किया है।
विशेषज्ञों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन आयोजनों में सुरक्षा उपायों और निगरानी की कमी पर सवाल उठाए हैं। वे लंबे समय से जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, इसे खतरनाक और जानलेवा परंपरा बताते हुए। वहीं, जल्लीकट्टू के समर्थक इसे तमिल संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।
यह हादसा तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर फिर से बहस छेड़ सकता है। पोंगल त्योहार के दौरान हर साल इस खेल में प्रतिभागियों और दर्शकों के घायल होने की घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन इस बार हुई मौतों और बड़े पैमाने पर घायलों की संख्या ने प्रशासन और समाज को इसे और गंभीरता से लेने पर मजबूर कर दिया है।