कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड में भारत की सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन
नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी, 2025 को आयोजित 76वें गणतंत्र दिवस परेड में भारत ने अपनी अत्याधुनिक सैन्य क्षमताओं का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित कई स्वदेशी प्रणालियाँ प्रदर्शित की गईं, जो देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का प्रतीक हैं।
परेड में 'आकाश' हथियार प्रणाली विशेष आकर्षण का केंद्र रही। यह मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। आकाश प्रणाली की तैनाती से भारत की वायु रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।इसके अतिरिक्त, 'शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम' का भी प्रदर्शन किया गया, जो युद्धक्षेत्र में त्वरित पुल निर्माण की सुविधा प्रदान करता है। यह प्रणाली सेना को विभिन्न प्रकार की जलधाराओं और खाइयों को तेजी से पार करने में सक्षम बनाती है, जिससे सैनिकों की गतिशीलता में वृद्धि होती है।
डीआरडीओ की झांकी में 'त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल' (क्यूआरएसएएम) प्रणाली भी प्रदर्शित की गई। यह प्रणाली हर मौसम में काम करने वाली वायु-रक्षा प्रणाली है, जो सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना की मशीनीकृत संपत्ति को सचल हवाई रक्षा कवर प्रदान करती है।
इस वर्ष की परेड में तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी 'सशक्त और सुरक्षित भारत' की थीम के साथ प्रस्तुत की गई, जिसमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच तालमेल और एकीकरण को दर्शाया गया। झांकी में स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस एमके II लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम और एक दूर से संचालित होने वाले विमान की झलक देखने को मिली।
इन प्रदर्शनों ने न केवल भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को उजागर किया, बल्कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया। परेड में शामिल इन अत्याधुनिक प्रणालियों ने दर्शकों को भारत की सैन्य शक्ति और तकनीकी प्रगति से परिचित कराया, जिससे राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ।