भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर तनाव, नई दिल्ली में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब
नई दिल्ली- भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। 13 जनवरी 2025 को भारत ने नई दिल्ली में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया, जबकि इससे एक दिन पूर्व, 12 जनवरी 2025 को, बांग्लादेश ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर सीमा पर बाड़ लगाने के प्रयासों पर अपनी 'गहरी चिंता' व्यक्त की थी।
बांग्लादेश का आरोप है कि भारत 4,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा के पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने ललमनिरहाट जिले के पाटग्राम उपजिले में दहाग्राम सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध किया, जिसके बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने यह काम रोक दिया।
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बीएसएफ की हाल की गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सीमा पर बिना अनुमति बाड़ निर्माण और अन्य गतिविधियां दोनों देशों के सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को कमजोर करती हैं। इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश ने सुनामगंज में बीएसएफ द्वारा कथित तौर पर एक बांग्लादेशी नागरिक की हत्या पर भी चिंता जताई।
भारत ने बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने के महत्व पर जोर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर बाड़ लगाने का उद्देश्य अवैध गतिविधियों, जैसे तस्करी और अवैध प्रवासन, को रोकना है, जो दोनों देशों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर यह विवाद नया नहीं है। भारत-बांग्लादेश सीमा पर 3,271 किलोमीटर पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है, जबकि करीब 885 किलोमीटर सीमा बिना बाड़ के है। बांग्लादेश का कहना है कि बिना अनुमति बाड़ लगाने से द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन होता है और यह सीमा पर तनाव को बढ़ाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों को संवाद के माध्यम से समाधान निकालना चाहिए, ताकि सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहे और द्विपक्षीय संबंध मजबूत हों। आगामी बीजीबी-बीएसएफ महानिदेशक स्तर की वार्ता में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
इस बीच, सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और दोनों देशों के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और सीमा पर शांति सुनिश्चित की जा सके।